गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

संसदभवन को क्रान्तिकारी चिट्ठी

2004 मे एकबार Odisha विधानसभा मे इतना हँगमा हुआ क्रोधावेश मे आकर कंग्रेसी सांसदो ने C.M. साहब के पैरोँ को अपने पाँव तले रौँध दिया था....        😊😊😊😊😊😊

कंग्रेस को नवीन पट्टनायक  से बड़ी हार मिली
थी

मेँ तब 9वीँ कक्षा का छात्र था

अब भारतदेश मे प्राईमेरी स्कुल के शिक्षक
सरकारी कार्यकर्म जनगणना व ट्रेनीँ आदि से फुरसत् मिलनेपर  बच्चोँ को पढ़ा लेते है

हाईस्कुल के टिचर पढ़ाई के साथ साथ छात्रोँ का राजनीति मे रुचि भी बढ़ाते पायेजाते है

और अन्ततः कॉलेज मे अध्यापक
प्रेम का पाठ पढ़ाकर स्टुडंट्स का संसारी ज्ञान बढ़ाकर छोड़ते है

मुझे याद है हमारे हाईस्कुल टिचर मनोज मिश्र जी ने भी मुख्यमंत्री के पाँव कुचलेजाने पर  व्यथित हो क्लास् मे कहा  था....

बच्चोँ !!! संसदभवन को एक क्रान्तिकारी चिट्ठी लिखो
कल को हमारी नौकरी जाय परवाह नहीँ

"आप बड़े लोग बच्चोँ कि तरह संसद मे हो हाल्ला कर रहे हो तो हम हमारे टिचर्स कि डिसिप्लिनवाली बात क्युँ माने ?? अब हम भी आप ही के तरह हो हाल्ला करेगेँ !!"

कसम से तब  मेँ इत्ता क्रान्तिकारी नहीँ था न My gov हुआ करता था
नहीँ तो एक खुला खत्त लिख ही देता

😂😂😂😂😂😂😂

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