गृहयुद्ध होगा
अवश्य होगा
आज होगा
या
कल होगा
लेकिन एक ना एक दिन
निश्चित ही होगा
लाशे बिछेगीँ
मेरे मंदिरोँ का
तेरे मस्जिदोँ का
लाखोँ बच्चे
होगेँ अनाथ
नारी चित्कारोँ से
गुंजेगा धरती
यही सच है
बिलकुल पक्का
तय है जब
आपस मे
लढ़ना
युँ मरजाना
क्युँ पहने आज
भाईचारा का बुर्खा
आज ही मारे हम
एक दुसरे को
काटे हम
ईश्वर अल्हा गॉड ना दे
शायद फिर
दुजा मौका
चलो मरते है
तैयार हो जा
घर ढ़ो देने को
प्रण ये ले जा
दो दिन का ये दुनिया है प्यारे
मार दे मुझे
या मेरे हातोँ से
मर जा
#जय_हिन्दुत्व
#मारो_या_मरो
#अभिमानी_कट्टरहिन्दु
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