रविवार, 21 फ़रवरी 2016

साफ सफाई करने मे भी स्वार्थ

मेरा और मेरी झगड़ालु नकचढ़ी बहन मानिनी के बीच
सदैव होड़ लगा रहता था
कि कौन घर साफ करे

ज़ाहिर है..
ज्यादातर मानव बिना स्वार्थ कुछ करते वरते हैँ नहीँ ...,

हम दोनोँ का भी घर सफाई मे
नीजी स्वार्थ होता था

कैसी स्वार्थ ???

दरसल
मेरी माताजी जो है
रुपये पैसोँ को कहीँ भी रखदिआ करती थी

सो जो भी घर को झाड़ु लगाएगा

उसे 5 से दस रुपया तक तो ऐसे ही मिलजाएगेँ...

बाकी झाड़ु लगाने पर यदि कुछ रुपिये पैसे मिले नहीँ तो भी बकसीस् के तौर पर 2 रुपया
माँ से मिलना ही मिलना है

:-D :-D :-D :-D

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

गांव की कन्या वहती नाकवाली

मेरे यहाँ एक कहावत है[Gaan'n kaniaa' singgani' naaki']

मने "गाँव कि कन्या 👸👸👸👸 वहती नाक वाली " 👰👰👰

लड़की कितनी ही सुंदर हो 

उसके अपने गाँव मे व्याही जाने पर

ज्यादे सम्मान नहीँ मिलनेवाला

शादी के बाद भी

लोग उसे वही बचपनवाली Nick name से पुकारेगें
मिल्ली ..झिल्ली ...चुम्मकी ......आदी आदी

वही मिल्ली झिल्ली डली पिँकी का गर दूरगाँव व्याह हो जाय

ससुरालमे

भले पिछे से बुराभला कहते हो..

लेकिन नाम.हमेशा प्रियंका ,ज्योस्ना ,पार्वति  कहगें

हाँ पर ये सम्मान भी चंद दिनोँ के लिये ही होता हैजान लो...

.मैनेँ देखा है ज्यादातर ससुरालवाले धीरे धीरे मायकेवालोँ के देखादेखी बादमे कन्या को वही पुरानी Nick name से पुकारने लगते है

मने

मिलि झिली झुमी सुमी रिटर्न

😂😂😂😂😂😂😁😂😂

सचमेँ  अपने ही गाँव मे जनम हो वहीँ मरजानासभी भारतीय नारीओँ के भाग्य मे कहाँ ....👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸

गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

रिस्तेदारी

दरभंगा [विहार] जिल्ला के रहनेवाले एक भाई
जौनपुरीए लौँडे से लढ़ झगड़ रहे थे

माज़रा क्या है
पता किए तो पताचला
चप्पल फेँकाफेँकी से ही
बात का बतगंड़ बनगया....

अब मुझमे एक भयानक दोष
यह है
कि मे कहीँ झगड़ा देखता हुँ
तो उन्हे शान्त करने कि कोशिश करता हुँ
यहाँ भी मैँ सोचने लगा .....

और

तब मेरे मनमे एक आइडिया आया....

अब मैँ
दरभंगावाले मैथिलीभाषी भाई को देखकर कहने लगा
देखो ये ठिक नहीँ है

तुम भला अपने ही रिस्तेदार से कैसे लढ़ सकते हो ???

मैथिलीभाषी विहारी भाई हैरान....

ये भला मेरा रिस्तेदार कैसे हुआ ?

कहाँ इसका गाँव उत्तरप्रदेश मे
और मैँ विहार का....

उधर जौनपुरवाले भैया आँख लाल लाल किए
मुझे गुस्साए देख रहे थे

मैँ शान्त भाव से अपना बात
कहने लगा
आप लोग रामायण
और रामजी को मानते हो ?

दोनोँ ने कहा हाँ .....

तब यथा संभव आप लोगोँ को याद होगा
कि सीतामैया
का जन्म मिथला मैँ हुआ था
और उनका व्याह अयोध्या मे श्रीरामचंद्र जी से हुआ था....

तब हुए न रिस्तेदार...

😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😇😁😁

दोनोँ अछे घर के लौँडे थे
इसलिये वितर्क नहीँ किए
और तभी दोस्त बनगये .....

Extra shot
# दरभंगा
दरसल "दर ए बंग" शब्द का परिवर्तित अपभ्रंस रुप है
जिसका सिधा सा अर्थ है
"बंगाल का द्वार"

सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

कहना नहीं चाहता

कहना नहीँ चाहता
ए दिल
इस क्षण मे
क्या मेँ हुँ सोचता
मेरे कहने से
गर तुम बदल जाती हर क्षणमे
कुछ नया कहता

कहना नहीँ चाहता
ये कड़वी सच भी
कि तुम्हे वो काँटे बन चुभता है
पर क्या करें
विवश है
हमेँ युँ बनावटी बातेँ बनाना नहीँ आता

कहने को कह सकता हुँ
तुम सुंदर हो जैसे हुरपरी
परंतु
भारती को भावना कैसे कहुँ
हमें समझ नहीँ आता ....

वि:द्र :-भारती यानी वो मोटी भारती कॉमेड़ियन और भावना को तो जानते ही होगेँ साउथ इंडियन सुंदरी 😂😂😂😂😂