गुरुवार, 1 सितंबर 2016

सह लेगें.....

सहन कर सकता हुँ
किसी के मुख से मेरे लिए
कटु अपशब्द....

सहन हो जाते
कोइ मुझे जितना चाहे
मारे पिटे चाहे
कर दे मेरा बध .....

सहन न होगा
कोइ मेरा घर, परिवार को बदनाम करने लगे....

सह सकता हुँ
तुम मुझे कहो
गर मूर्ख अथवा
संवेदनहीन

सहन न होते
मेरी माँ माटि पर
बेवजह कोइ
उँगली उठाने लगे

सह सकते है
सहने को
हम गरीब
12 Km. चलने का दर्द

सहन न होगा
कोई कह दे
मेरी माँ कि
परवरिश को ही गलत

सह सकते है
झेल सकते है
लाखोँ बाढ़ चक्रवात अकाल
का मार

सह लेगेँ
आए जितनी अड़चने
लड़ेगेँ
मरेगेँ
न डरेगेँ हम वीर ओड़िआ........।

#बन्दे_उत्कल_जननी

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