मंगलवार, 3 जनवरी 2017

स्वतंत्रता दिवस कि यादें

जब मैं छोटा था....
राष्ट्रीय दिवस उपलक्ष मे हम सब स्कुल के बच्चे गांव परिक्रमा कररहे थे ....

तभी एक साँड़ हमारे बन्दे मातरम् के
जयघोष से भडक् गया...

शायद पूर्व जनम् मे कोई अंग्रेज होगा 😀😀😀
खैर ..

मैं लाल कपडा पहना हुआ था..
मुझे हमारे अमर सर ने छडी से मारते हुए सर्ट उतारने को कहा ....

मैने कहा नहीं....

लाल नहीं झुकेगा...

यहाँ बात इज्जत कि हे !!!!!!

पुरे स्कुल के  सामने तो नहीं...
आप लोग जिंदावाद जिंदावाद करो
मैं तो चला
साइडवाली गली से अपने वार्ड मे.....
😀😀😀

एक दिन बाद् सरजी मेरी कंप्लेन करने घर आए थे
कि लडका बात नहीं मानता...
समझाओ...
कसमसे उसदिन अगर ये पता होता कि लाल कपडों से
साँड़ का कौनो लेनादेना नहीं उस टिचर की तो मैं...... 😬😬😬😬

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सांड व्यक्ति के भडकाऊ हावभाव के लिए उनपर हमले करदेते है न कि खास कलॉर के कपडों के वजह से.....
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