बुधवार, 29 जनवरी 2014

आज वो इंसान याद आया !

गुजरात का वो इंसान आज मुझे क्युँ याद आया ?

चलता था वो धीरे धीरे,
कहता था पक्की बात, न मिला हुँ मेँ उसे फिर मुझे क्युँ याद आया ?

कि थी जिसने शंखनाद किया था जिसने शुरवाद आज वो महात्मा याद आया !

एक किया था देश सारा जोश जगया था जवानोँ मेँ, मुझे वो बुजुर्ग याद आया !

आज करते हे वदनाम उसे , कहते वेईमान उसे , था वो कैसा पता नहीँ , वो महान आत्मा याद आया !

धर्म जात को न माननेवाला इंसानियात को बचानेवाला एक आम इंसान याद आया !
(30 JANUARY 2014)