सोमवार, 25 अप्रैल 2016

मेरी मौत.......

मेरी मौत तुझे मौका दे जाए......
हो बर्बाद मेरी चाहत
तुझे सुकुन मिलजाए.......

में मरुँ तु अमर हो जा
मिले थे चंद फुरसत के पल
वो तु लै जा.....

..
मेरा अन्त तुझे आबाद कर जाय

मेरे आँखों के आँसू
तेरी प्यास बुझा जाय

बचगये है सुख के जितने क्षण....
मुफ्त नहीं है बिरादर
तेरा दर्द दे
मेरा चैन ले जा.........

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