मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

अन्याय को सहन करना....

अन्याय को सहन करना
ये मेरी वस् कि बात कहाँ

मैँ लड़ता हुँ मरता हुँ
मेरा लक्ष्य है
न्यायोँ का दुनियाँ

मारो गर कोई करता है
अन्याय तुमसे
तय कर लो अब नहीँ सहना


तुम कहोगे क्युँ लढ़े हम,
मरे हम
जब सह लेते है

मेरे दोस्त !
यकिन कर
ऐसी बातेँ
कायरोँ को ही आती है !

खुदको कहते हो मर्द
या तुम्हे लगता है
तुम्ही हो शक्ति

तब उठाओ हतियार
चीर दो छाति उनकी
न रहे भ्रष्टाचार
या कोई भ्रष्ट व्यक्ति

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