गुरुवार, 26 नवंबर 2015

मोहिनी कि माया से

शिशिरवा.... !
शादी के लिये
तोहरे वास्ते लड़की नाही मिलत का.. ? :-|
काहे ? का हुई गवा चाचा ???
मैनेँ कुछ सोचते हुए सोमुचाचा से पुछा ......
इ लो तुमरे नाम से गाँव भर मेँ अफवाह फैलाया जा रहा है.....
‪ फलानेवाले‬की लड़की से तोहरा रिस्ता ‪ फिक्स ‬हुवा है.....
का इ बात सच है बचुआ.... ??
अब क्या कहे चाचाजी....
‪पहलीवाली_लड़की‬के घरवालोँ ने तो सिर्फ रिजेक्ट किया था.....
इ तो ससुरे रिजेक्ट करने के साथ साथ मेरा चड़्डी पैँड भी उतारने की फिराक मे लगते है !!!
इनकी बेटीआँ मुझे खा जानेवाली नजरोँ से देखती है
वाप भाई भी मेरे कैरक्टर को लेकर आस्वस्थ है कि चलो अच्छा बंदा है पर उसकी माँ ने मना कर दिया ....
चलो मनाकिया कोई बात नहीँ ये आपकी अधिकार क्षेत्र मे आता है पर का जरुरत थी गाँव भर मे ये ढ़िँडोरा पिटने कि
देखा देवबाबु के लड़के को लड़की नहीँ मिल रहा
सो हमरे घर मे रिस्ता के लिये पुछा था.... हमने तो साफ मना कर दिया !!
का वेकार लौँडा है..... DJ पर डेँस नहीँ करता , गाँव के रस्तोँ मेँ वाईक को हैलिकैप्टर कि तरह नही उडाता ,न वियर पिता है न मेरे बेटे को कभी पिलाया..... ना हमारे ‪जयगुरु‬वावा का भक्त है
तब ऐसे लालची शर्मिले कुसंस्कारी नास्तिक लौड़ेँ को लड़की दे के का फायदा ???

हाय रे मेरी नादान प्रेमिकाओँ

तीन भूतपूर्व प्रेमिकाएँ यदि एक हो जाएँ...
साथ खाए, पिए ,मौज मनाएँ और दिर्घशंका के लिये खुले मैदानोँ मेँ जाया करती हो समझलो कुछ तो गड़बड़ है
प्रभा से रिस्ता टुटा तो मालती से इश्क लड़ा बैठे
मालती ने दिल तोड़ा तो मधु के प्रेमी बनेँ
लेकिन मेरी माँ को ‪#‎ मोहिनी‬पसंद थी...
वो उसे ही दुल्हन बनाना चाहती थी....
अब च्युँकि मोहिनी मेरा एक फुफेरा भाई मोहन से प्यार करती थी उसके घरवालोँ ने किसी रिस्ता से साफ इनकार करदिया ....
अब मधु और मेरे रिस्ते कि बात होने लगी
पर च्युँकि मधु के फादर व मोहिनी के डैड अच्छे दोस्त है
गुप्त मन्त्रणा के बाद
मधु के डैड ने कहा
वो अपने बड़े बेटे के शादी के बाद अपनी छोटी लड़की मधु कि मैरेज करेगेँ !
ज्ञात रहे
मधु के डैडी ने कुछ महिनो पहले अपनी बेटी कि शादी सिर्फ 16 साल मे करदेने कि बात कही थी क्युँकि Jaggnath जी का ‪#‎ NAVAKALEVAR‬था !
मोहिनी तथा उसके पाँच भाई बहन प्यार करके ही शादी किये है
ठिक है जितना इच्छा उतना प्यार करो
पर मेरे और मधु कि लभ स्टोरी बिगाड़ने का हक्क् किसने
दे दिया तुम्हे कलमुँही......

शैफाली तु हारकर भी जीत गयी.....

शर्दिओँवाले शाम है ,फुरसत के पलोँ को अकेले बिता रहे है या कोई खुबसुरत यार आपके साथ हो....
ऐसे ही रोमाँटिक क्षणोँ को और रोमाँटिक बनादेता है
‪शैफाली‬[प्राजक्ता] फुलोँ कि खुशबु .....
इसकी सुगंध से एकाएक
मन कि सारी थकान और नैराश्यवाद मिटजाता है
अंग्रेजलोग हालाँकि इसे दुःख का फुल कहते है और रात कि रानी भी....
शेफाली फुल पर पश्चिमी सभ्यता मे एक फैरी टैल फैमस हुआ है !
'किसी देश कि राजकुमार के इंतेजार मेँ एक सुंदर राजकुमारी का फुल बनजाना और ये इंतेजार कभी न खत्म होना ....
दर'सल ये कथा ‪ विष्णुपुराण‬से लिया गया है या प्रेरित मानाजाता है ।
विष्णुपुराण मेँ शेफाली फुल कि कथा आता है जो इस प्रकार है :-
===>
एक सुंदरी राजकन्या सूर्यदेव से प्रेम करने लगी
जब प्यार परवान चढ़ने लगा उससे रहा न गया ! उसने सूर्यदेव का आवाहन किया
भगवन आये और उसे साथ ले गये परंतु जैसे जैसे राजकन्या सूर्यदेव के साथ दिन बिताने लगी वो शुखने लगी ।
सूर्यदेव ने राज्यकन्या को धरती पर छोड़दिया और अपने प्रियतम के बिछड़न् के वजह से राजकन्या तड़प तड़प कर मरगयी ।
राजकुमारी की मृत देह का दाह संस्कार के बाद उसके देहाभस्म से एक ‪ लतिका ‬का जन्म हुआ । वो यही ‪ शैफाली_फुल_का_प ैधा‬था !
आज भी वो अपने प्रियतम के लिये रातभर सजती सवरती परंतु सुरज कि किरणोँ से उसके सुंदर फुल झड़जाते ।
=Extra shot=
शैफाली फुल पर
ओड़िआ कवियत्री ,स्वतंत्रता सेनानी ,
‪कुन्तलाकुमारी_स ावत‬ने "शैफाली" नामसे एक कविता लिखा था ....
इस कविता मेँ
सिर्फ 35 वर्षोँतक जीवित रही इस नारीनेत्री ने अपने जीवन को शैफाली फुल कि तरह बताया है ....और खुदको तथा अपने जैसे हजारोँ को ढ़ाड़स बाँधने के लिये कहा है
'शैफाली'
तु रोज रात को सजती सवरती है ,
ये जानते हुए कि रात के बितते ही तेरा ये रुप रंग सब मिट जाएगा
तेरी ये कोशिश अमर रहे
तु हार कर भी जीत गयी
और वक्त जीत के भी हार गया

फेसबुक कि यादेँ...


***** फेसबुक से जुड़ा एक किस्सा सुनाना चाहुगाँ
पाँचवर्ष पूर्व जब मैँ फेसबुक पर नया नया जुड़ा....
चन्द दिनोँमे मेरी पहली ID पर 40 या 50 मित्र बनगये
फिर उन मित्रोँमे से किसीने एक रुपमती नारी की अर्धनग्न फोटोपर मुझे टैग या चिन्हित करदिया....
फिर ये धड़ाधड़ नोटिफिकेसन आने लगे....
मेँ तो बिलकुल परेशान हो गया बताओ
ये सब लोग कौन है जो मुझे गाली दे रहे उटपटागं बातेँ लिख रहे है
फिर कुछ दिन बाद पताचला
वो लोग मुझे नहीँ मेरे उस दोस्त को कहरहे थे जिसने मुझे उस अर्धनग्न फोटो मेँ टैग या चिन्हित किया था
पता है अभी कुछ घँटो पूर्व एक नौसिखिआ वुजुर्ग नेँ हमेँ सिर्फ मिसअंडरस्टाडिँगके लिये आड़े हातोँ ले लिया
मेरे ही कमेँट पर वे मान्यवर ने सर्वप्रथम जवाब दिया था फिर एक महाकट्टरवादी भाई आ धमके
उस टिप्पणी मेँ अबतक कुल 96 उत्तर दिया जा चुका है ।
तो उन नौसिखिए बुजुर्ग को लगा कि मैनेँ उनके बारे मेँ भद्दा कमेँट किया जबकी मैनेँ वहाँ गालीवाली एक भी शब्द नहीँ लिखे थे
जो भी लिख रहे थे कट्टरवादी फेसबुकिए भाई लिख रहे थे ।
मैनैँ फिल्हाल बुजुर्ग मित्र को Inbox मेँ ये बात समझा दिया है उम्मिद है वे समझ गये होगेँ
धन्य फेसबुक अदभुत् तेरी महिमा