मंगलवार, 17 जून 2014

यादेँ

मेँ तब 8 वीँ तकक्षा मेँ पढ़ता था । हमारे गाँव मेँ केनाल बनानेवाले कंट्राकटर हमारे घर मेँ भाड़े पर रहने लगे । वे रोज ढ़ेकाँनाल से 7 8 अखबार मंगवाते । ओड़िआ हिँदी और अंग्रेजी भाषा मेँ । मुझे पढ़ने का शौक लगा था उनदिनोँ और स्कुली किताबोँ के साथ अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त करने हेतु मेँ दुसरे किताबेँ और पत्रपत्रिका भी पढ़ता था । मुझे जब ज्ञात हुआ की हमारे घर मेँ भाड़े पर रहनेवाले कन्ट्राक्टर अखबार मंगवाते हे मेँ उनसे निकटता बनाने की जुगत मे लग गया । एकदिन वे अखबार पढ़रहे थे मैनेँ The hindu न्युजपेपर को उठाकर पढ़ने लगा । उन्होने कुछ सोचा और प्रश्न किया "तुम्हे अंग्रेजी आता है ? " ! मैनेँ कुछ सोचकर उत्तर दिया "जी पर मेँ अंग्रेजी मेँ वाक्य गठन कर नहीँ पाता ।" ! वे कुछ साधारणज्ञान सम्बंधी प्रश्न पुछने लगे मैनेँ उत्तर दे दिया आखीर मेँ उन्होने पुछा की बताओ अंग्रेजी भाषा मेँ कितने Tense हे । मैनेँ कहा 2 ! उन्होने कहा 3 । वो अपने बात पर अड़े रहे मैनेँ भी स्कुल के अन्य छात्रोँ को बुलाकर अपना पक्ष रखा । आखिर मेँ हम सब K.P.High School के अंग्रेजी शिक्षक प्रमोद मिश्र जी से मिलने गये । उन्होने हम सबको सही ठहराया । प्रमोद सर नेँ कहा की अंग्रेजी मुख्यतः दो प्रकार के है अमेरिकन अंग्रेजी । ऑल्ड अंग्रेजी । ब्रिटेन मेँ आज भी लोग 3 Tense मानते हे परंतु अमेरिकन अंग्रेजी मेँ 2 Tense बताया गया हे । ब्रिटेन के लोग रक्षणशील हे वे आज भी पुराने अंग्रेजी का इस्तेमाल करते परंतु न्युवर्ल्ड मेँ लोग भविष्य को Tense न मानकर Time मानते । जब भविष्य आया ही नहीँ उसके बारे मेँ हम ठिक ठिक कैसे बता सकते हे ? हम केवल अंदाजा लगा सकते हे की कल ऐसा होगा वैसा होगा पर वे अंदाज गलत भी हो सकते हे । आखिरकार झगड़ा खत्म हुआ और सारे लोग अपने अपने रास्ते हो लिये ....लेकिन उस दिन से वे कन्ट्राकटर मुझसे अछा बर्ताप करने लगे और हम अछे दोस्त बनगये ।

यादेँ भाग 1

मेँ तब 8 वीँ तकक्षा मेँ पढ़ता था । हमारे गाँव मेँ केनाल बनानेवाले कंट्राकटर हमारे घर मेँ भाड़े पर रहने लगे । वे रोज ढ़ेकाँनाल से 7 8 अखबार मंगवाते । ओड़िआ हिँदी और अंग्रेजी भाषा मेँ । मुझे पढ़ने का शौक लगा था उनदिनोँ और स्कुली किताबोँ के साथ अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त करने हेतु मेँ दुसरे किताबेँ और पत्रपत्रिका भी पढ़ता था । मुझे जब ज्ञात हुआ की हमारे घर मेँ भाड़े पर रहनेवाले कन्ट्राक्टर अखबार मंगवाते हे मेँ उनसे निकटता बनाने की जुगत मे लग गया । एकदिन वे अखबार पढ़रहे थे मैनेँ The hindu न्युजपेपर को उठाकर पढ़ने लगा । उन्होने कुछ सोचा और प्रश्न किया "तुम्हे अंग्रेजी आता है ? " ! मैनेँ कुछ सोचकर उत्तर दिया "जी पर मेँ अंग्रेजी मेँ वाक्य गठन कर नहीँ पाता ।" ! वे कुछ साधारणज्ञान सम्बंधी प्रश्न पुछने लगे मैनेँ उत्तर दे दिया आखीर मेँ उन्होने पुछा की बताओ अंग्रेजी भाषा मेँ कितने Tense हे । मैनेँ कहा 2 ! उन्होने कहा 3 । वो अपने बात पर अड़े रहे मैनेँ भी स्कुल के अन्य छात्रोँ को बुलाकर अपना पक्ष रखा । आखिर मेँ हम सब K.P.High School के अंग्रेजी शिक्षक प्रमोद मिश्र जी से मिलने गये । उन्होने हम सबको सही ठहराया । प्रमोद सर नेँ कहा की अंग्रेजी मुख्यतः दो प्रकार के है अमेरिकन अंग्रेजी । ऑल्ड अंग्रेजी । ब्रिटेन मेँ आज भी लोग 3 Tense मानते हे परंतु अमेरिकन अंग्रेजी मेँ 2 Tense बताया गया हे । ब्रिटेन के लोग रक्षणशील हे वे आज भी पुराने अंग्रेजी का इस्तेमाल करते परंतु न्युवर्ल्ड मेँ लोग भविष्य को Tense न मानकर Time मानते । जब भविष्य आया ही नहीँ उसके बारे मेँ हम ठिक ठिक कैसे बता सकते हे ? हम केवल अंदाजा लगा सकते हे की कल ऐसा होगा वैसा होगा पर वे अंदाज गलत भी हो सकते हे । आखिरकार झगड़ा खत्म हुआ और सारे लोग अपने अपने रास्ते हो लिये ....लेकिन उस दिन से वे कन्ट्राकटर मुझसे अछा बर्ताप करने लगे और हम अछे दोस्त बनगये ।

बुधवार, 23 अप्रैल 2014

समयराग

वो घंट नैवेद्य कहाँ गये अब तो शंख के ध्वनी भी दुर्लभ हे.....

क्या गलति हुआ हमसे जो हमेँ भगवान छोड़गये....

.धर्म के नाम पर दंगे होते, हो रहा हे बलात्कार.....

गलि गलि मेँ देख झाँक कर, नारी सहती हे अत्याचार....

दुषित हुआ हे जल और वायु, दुषित हुआ हे सबका मन .....

भारतवर्ष मेँ कोई ज्ञान देखता लोग देखते हे केवल धन......

.धन के लिये मनमुटाव धन के लिये दुःख संताप.......

फिर भी इंसान दिनरात देखते रहते इसीके ख्वाब,,,,,,,

और क्या कहुँ यही सबसे हुँ परेशान जनाब......,

बुधवार, 29 जनवरी 2014

आज वो इंसान याद आया !

गुजरात का वो इंसान आज मुझे क्युँ याद आया ?

चलता था वो धीरे धीरे,
कहता था पक्की बात, न मिला हुँ मेँ उसे फिर मुझे क्युँ याद आया ?

कि थी जिसने शंखनाद किया था जिसने शुरवाद आज वो महात्मा याद आया !

एक किया था देश सारा जोश जगया था जवानोँ मेँ, मुझे वो बुजुर्ग याद आया !

आज करते हे वदनाम उसे , कहते वेईमान उसे , था वो कैसा पता नहीँ , वो महान आत्मा याद आया !

धर्म जात को न माननेवाला इंसानियात को बचानेवाला एक आम इंसान याद आया !
(30 JANUARY 2014)