शनिवार, 12 अगस्त 2017

उयालवाड़ा नरसिंह रेड्डी

Uyyalawada Narasimha Reddy
कुर्नूल ज़िले के Koilakuntla में स्थानीय सरदार थे......
नरसिंह रेड्डी ने अपने सेना के साथ ब्रिटिश सेना पर 23 जुलाई 1846 को Giddaluru
में छापा मारा और उन्हें हरा दिया ..............

उसे पकड़ने में असमर्थ, अंग्रेजों ने कदपा में नरसिम्हा रेड्डी के परिवार को कैद कर दिया।

अपने परिवार को मुक्त करने के प्रयास में, नरसिंह रेड्डी नल्लामला वन में चले गए ।

पास के गांव से किसी ने कोइलकुटला के कलेक्टर को उनके बारे में जानकारी दे दिया ।

जब ब्रिटिश ने नलमाला क्षेत्र में सर्चिंग शुरू कर दिया तो नरसिंह रेड्डी कोइलकुंतला क्षेत्र में वापस आ गये  और  जगन्नाथ कोंडा के नजदिक  रामभद्रुनिपल के गांव में छिपे रहे.......

अंततः
एक मुखबिर से उनके ठिकाने और उनके अनुयायियों के​ बारे में ब्रिटिश अधिकारियों
पता चल ही गया.....
रात में सशस्त्र बलों द्वारा अंग्रेजों ने स्वतंत्र सेनानीओं घेर लिया । वह था 6 अक्टूबर 1846 की आधी रात जब उनपर आतर्कित् हमले हुए थे ।
नरसिंह रेड्डी को कोइलकुंटला लाया गया
ओर उन्हें  अपमानित किया गया था ।
वह भारी चेन से बंधे हुए  थे........
कोइलकुंटला की सड़कों पर रक्त के कपड़े पहने उनको सिर्फ​ इसलिए चलाया गया ताकि उनके  खिलाफ फिर कोई विद्रोह करने की हिम्मत न कर सके.......

विद्रोह के नाम पर नारसिंह रेड्डी के साथ 903 लोगों पर आरोप लगाया गया था ।
बाद में 412 लोगों को बरी कर दिया गया और 273 को जमानत पर रिहा किया गया ।
वहीं ​​112 को दोषी ठहराया गया था और 5 से 14 साल के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी.........

कुछ को अंडमान द्वीप समूह में काला पानी की सज़ा सुनाया गया .....
   औक के शासक के छोटे भाई उनमें से एक हैं।

कडप्पा के विशेष आयुक्त ने परीक्षण का आयोजन किया नरसिंह रेड्डी तथा अन्य सभी आरोपों पर बगावत, हत्या और डकैती के आरोप लगाए गए थे ।
उन्हें फांसी से मौत की सजा सुनाई गई थी ।
22 फरवरी 1847 को, कोलीकुंटाला में कलेक्टर  Kokcrane
के उपस्थिति में पास के नदी के तट पर ब्रिटिश द्वारा #उयालवाड़ा_नरसिंह_रेड्डी
को साबके सामने सार्वजनिक फांसी दे दी गया था...
आनेवाले दिनों में आप उनके जीवनी पर एक तेलुगू फिल्म आ रही है जिसमें मुख्य किरदार निभाएंगे टलिवुड के जाने-माने अभिनेता Chiranjeevi ......


क्या देश से नफ़रत करते हो ?

गाते रहते अनेकों प्रेमगीत
किसी प्रेमी के लिये रोज तुम ।

क्युँ गाते नहीं बंदे मातरम्
क्या देश से नफरत करते  हो  ?

याद है गानें बिछडन के
प्यार के मिलन के ईश्वर के.....

क्युँ याद नहीं शहादत वो
युं बन भुलक्कड बैठे  हो ?

पागल हो किसी लडकी के पिछे
कभी देश को न पसंद किया !

इस देश से मिला है सबकुछ तुम्हे
बदले में तुमने क्या दिआ ?

अधिकारों के नारे लगा कर
तुम कर्तव्यों को जो भुले हो ।

ये भ्रष्टाचार तो तुमने फैलाया
तुम सब तो मन के मैले हो !!!!!