शनिवार, 12 अगस्त 2017

क्या देश से नफ़रत करते हो ?

गाते रहते अनेकों प्रेमगीत
किसी प्रेमी के लिये रोज तुम ।

क्युँ गाते नहीं बंदे मातरम्
क्या देश से नफरत करते  हो  ?

याद है गानें बिछडन के
प्यार के मिलन के ईश्वर के.....

क्युँ याद नहीं शहादत वो
युं बन भुलक्कड बैठे  हो ?

पागल हो किसी लडकी के पिछे
कभी देश को न पसंद किया !

इस देश से मिला है सबकुछ तुम्हे
बदले में तुमने क्या दिआ ?

अधिकारों के नारे लगा कर
तुम कर्तव्यों को जो भुले हो ।

ये भ्रष्टाचार तो तुमने फैलाया
तुम सब तो मन के मैले हो !!!!!

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