लेबल
- अनुवाद (3)
- कविता (47)
- काहानी (8)
- जीवन अनुभव (38)
- तर्क वितर्क (4)
- दिल से (16)
- पदचिन्ह (7)
- व्यंग्य (8)
- शब्द परिचय (7)
- हास्य कविता (1)
गुरुवार, 26 नवंबर 2015
फेसबुक कि यादेँ...
***** फेसबुक से जुड़ा एक किस्सा सुनाना चाहुगाँ
पाँचवर्ष पूर्व जब मैँ फेसबुक पर नया नया जुड़ा....
चन्द दिनोँमे मेरी पहली ID पर 40 या 50 मित्र बनगये
फिर उन मित्रोँमे से किसीने एक रुपमती नारी की अर्धनग्न फोटोपर मुझे टैग या चिन्हित करदिया....
फिर ये धड़ाधड़ नोटिफिकेसन आने लगे....
मेँ तो बिलकुल परेशान हो गया बताओ
ये सब लोग कौन है जो मुझे गाली दे रहे उटपटागं बातेँ लिख रहे है
फिर कुछ दिन बाद पताचला
वो लोग मुझे नहीँ मेरे उस दोस्त को कहरहे थे जिसने मुझे उस अर्धनग्न फोटो मेँ टैग या चिन्हित किया था
पता है अभी कुछ घँटो पूर्व एक नौसिखिआ वुजुर्ग नेँ हमेँ सिर्फ मिसअंडरस्टाडिँगके लिये आड़े हातोँ ले लिया
मेरे ही कमेँट पर वे मान्यवर ने सर्वप्रथम जवाब दिया था फिर एक महाकट्टरवादी भाई आ धमके
उस टिप्पणी मेँ अबतक कुल 96 उत्तर दिया जा चुका है ।
तो उन नौसिखिए बुजुर्ग को लगा कि मैनेँ उनके बारे मेँ भद्दा कमेँट किया जबकी मैनेँ वहाँ गालीवाली एक भी शब्द नहीँ लिखे थे
जो भी लिख रहे थे कट्टरवादी फेसबुकिए भाई लिख रहे थे ।
मैनैँ फिल्हाल बुजुर्ग मित्र को Inbox मेँ ये बात समझा दिया है उम्मिद है वे समझ गये होगेँ
धन्य फेसबुक अदभुत् तेरी महिमा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें