गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

मिलेगें मिलेगें........

मिलेगेँ फिर कभी,
कल
पर्सो या नर्सो
पता नहीँ

आज साथ है आपके,
जरा अपना
कदर तो किजिये 

बहते रहता है पानी,
हवा -बदल जाते है मौसम

छटजाय मुस्किलोँ के बादल
वादा है आपसे फिर मिलेगेँ

कहां  ?????????????????

वहीं......

जहां कोई आता जाता नहीं............ 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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