तुम राम रक्षा कर्ता
तुम ही बचाओ
कृष्ण बन हमको
मार्ग भी दिखाओ
तुम बन पर्शुराम
दंडित करो हमेँ
धर्म हेतु लढ़ने को
युद्ध भी सिखाओ
तुम बन वामन
हर लो सारे अवगुण
मोहिनी बन फिर
अमृत भी पिलाओ
तुम बनो कछ्छप
रक्षार्थे पृथ्वी का
वराह बनकर
हमेँ जल से बचाओ
तुम बनो गायत्री
पालन हेतु जगत का
भष्म करो बनकर तुम
नयन रुद्र का
तुम बनो नृसिँह
और भक्त रक्षार्थे
मस्छ्य बनकर तुम ही
प्रलय से बचाओ
तुम बनो सारथी
मेरे मन का श्रीकृष्ण
राम बनकर तुम
लोकाचार सिखाओ
ॐ निराकारं परंब्रह्म
सर्वम् विद्यमान हो
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