तुम कहते हो स्वतंत्रता मुझे स्वतंत्र कोई मिला नहीँ ।
तुम करते हो देशभक्ति मुझे भक्ति कहीँ मिला नहीँ ।।
विदेशी तो अब भी है,लुट रहा है देश यहाँ पर हम ऐसे सोये है जैसे हमेँ कुछ पता नहीँ ।।
कल एक कंपनी नेँ देश लुटा था, आज इतने है गिनलो कहीँ गलती होगयी हो कहीँ ।।
नाम का स्वतंत्रता है इसे पालो आज यह कसम खाके विदेशी द्रव्य भुल जायेँ देशी अपनायेँ हरकोइ ।।
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