गुरुवार, 15 अगस्त 2013

शराब

कहते हो शराब को यह है अमृत........ । देखा है सच्चाई कह दो बता दुँ.......! इनसान जानवर बनता गर पी लेँ इसे एक वार..... । नशा के जो लत्त लगे पीँता रहता है वार वार...... । देवता भी हैवान बनेँ पी ले गर एक प्याला......! वंदर भी सुंदर लगे चाहेँ हो वो मन का काला..... ।

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