भाषण देते मिल जायेगेँ लोग ऐसेऐसे.....जो खुद गद्दारोँ के सरदार बने फिरते हे...,.. जिन्देगी मेँ देश के वारे मेँ सोचेँ नहीँ पर आज अपने भाषण मेँ जान लगा देगेँ.... वेशक मिल जायेगेँ जो अंग्रेजी मेँ ही भाषण देगेँ......ये कैसा राष्ट्रभक्ति जरा आप मुझे समझायेगेँ ।।।।
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