घमोरी ओर ओडिआ में ଘିମିରି(घिमिरि)
दोनों ही वैदिक शब्द #घर्म से जन्में है.....
घर्म=घृ धातु(क्षरण होना )+कर्त्तु.म......
प्राचीन काल के भारत में लोग पसीने को #घर्मजल कहते थे ओर #स्वेद भी....(संस्कृत स्वेद शब्द से अंग्रेजी में sweat शब्द प्रचलित हुआ...)
आधुनिक संस्कृत में घमोरीको #घर्मचर्च्चिका कहाजाता था....
ओडिआ में घमिर,घिमिर ओर घिमिरि आदि शब्द प्रचलित है....
उदर साफ न रहने से,हर्मोन असुन्तलन ,रक्त अशुद्धता असुन्तलित खाद्यपेय ग्रहण तथा विशाक्त अतिगर्म जलवायु से प्रभावित होकर हमारे शरीर के स्वेदकूप बंद हो जाते है इससे घमोरी होती है....
इस घर्म शब्द को तिन अन्य अर्थों मे भी प्रयोग किया जाता था....
१.ग्रीष्म
२.रौद्रताप,धूप
३.गर्मी.....
ईरान~अफगानीस्तान के लोग पुरातनकाल में जब सनातनी हुआ करते थे वह लोग भी वैदिकभाषा वोलते थे । इस कारण वहां के आधुनिक भाषाओं में भी वैदिक शब्द मिलजाते है....
हमारे देशका घर्म शब्द पार्सी भाषा में आज उसी अर्थ में #गर्म हो गया है.....
हमने भी इस नये शब्द को उठाकर अपने भाषाओं में जोडलिया....ओर भूला दिया गया इसका मूल शब्द.....
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