गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

शादीवाले दिन ही कन्यापक्ष के हातोँ पिटगये बाराती और दुल्हा

ये करिबन 7 साल पहले कि बात होगी । ब्राह्मनी नदी के उस पार पड़ोशी गाँव तेँतुलियापड़ा मेँ एक लड़की की शादी अचलकोट गाँव [कटक जिल्ला] के एक लौँडे से हो रही थी । अब हुआ ये की शादीवाले दी लौडेँ ने एक्साईमेँट मेँ थोड़ा ज्यादा चढ़ा लिया और गाड़ी ठोक दी । हालाकी इससे उसका खास नुकशान न हुआ ,मामुली खरोच पर पट्टी लगाकर लौड़ाँ शादी के लिये तैयार हो गया । रस्ते मेँ उसके एक दोस्त नेँ उसे कहा
"देखा शादी से पहले एक्सिडेँट हो गया बेटा शादी करने पर कहीँ तेरा राम नाम सत्य न हो जाय "
ये एक मजाक या जोक था
पर लौँडा तो सिरियस हो गया
कहाँ वो सौम्य सुकुमार रुप लेकर शादी करने चला था एकाएक उसमेँ विनाशकारी शिवजी प्रकट हो गये ।
शादी के मंडप मेँ फुल टल्ली होते हुए उसने और ज्यादा दहेज और गाड़ी माँगना शुरुकरदिया । लोग उसे चुप करने गये तो वो अपशब्द या गाली देने लगा ।
लड़कीवालोँ को झुकना था सो वो चुप रहे परंतु लड़की को ये सहन न हुआ और उसने लौडेँसे शादी करने से मना करदिया । अब घरवाले परेशान की क्या करेँ ? घर की बदनामी अलग लड़की से शादी कौन करेगा ?
ईतने मेँ हमारे स्मार्ट सोमुचाचा नेँ आगे आकर कहा मेँ उसका लवर हुँ मेँ उससे शादी करुगाँ !
गाँववाले हैरान और खुश थे
शादी हो गया !
इधर अचलकोट गाँव का दुल्ल्हा अपने बारातीओँ को साथ घर मेँ बँद था या युँ कहेँ कैद था ।
शादी खत्म होने के बाद तेँतुलियापड़ा गाँव के लोगोँ ने उनकी अछी खातिरदारी की और सोमुचाचा बतारहे थे की दुल्ल्हे को 2 दिन बाद खिला पिला कर पुलिसवाले मामाओँ के साथ उसके गाँव भेजा गया था !

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