शोला हुँ ,
भड़कने की गुजारिश नहीँ करता
सच मुंह से निकलजाता है
कोशिश नहीँ करता
मेँ जख्म तो रखता हुँ नुमाईश नही करता........मुजफ्फर
ये ताकतवर शेर लगता हे मेरे व्यक्तित्व के लिये फिट बैठता है । एक तरह से मेँ क्रोध करनेवाले इंसान हुँ जब सच्चा को झुठा बतायाजाय, मुझसे मेरे परिवार से कोई जोर जबरदस्ती करने की कोशिश करता है तब मेँ क्रोधित हो जाया करता हुँ ।
परंतु मैनेँ क्रोध को बस मेँ किया हुआ है यह जानते हुए कि ये विनाशकारी और हानिकारक हे मेँ तबतक सहनकरता हुँ जबतक किसी बात को सहन कियाजासके ।
हम सारे कायेनात से अमन कि आशा रखते है वशर्ते वो हमपर वेवजह हमलेँ न करे ।
खुद जल जायेगेँ,किसीको जलाएगेँ नहीँ ।
शैतानीयतको वही दवा देगेँ बढ़ायेगेँ नहीँ ।
रव को भी ये ही बात तो पसंद है अलताफ ।
हम भी खुश रहेगेँ बाद मेँ पस्तायेगेँ नहीँ ।
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