गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

बग्गा मामा की करामात्

गाँव मेँ आज ‪#‎ बग्गा_मामाजी‬के कारनामोँ कि चर्चा है !!!!
मामीजी तो वैसे भी उनकी बहन कि शादी मेँ Busy है
इधर मामाजी भूवनेश्वर से आज सुबह सवेरे गाँव लौट आये
आते हि गाँव के देशी भट्टी से दो तीन वटल चढ़ा लिया
और स्नान के लिये नदी कि और चल दिये
अब नदी मेँ स्नान करते समय उनका सामना ‪#‎ गाँजा_गुरुओँ‬से हो गया !
युँ तो गाँजा पीनेवाले खुद को धार्मिक बताते है पर वो असल मेँ बड़े धृत होते है ।
मेरे बेचारे भोलाभाले मामाजी को बहकाने लगे चिढ़ाने लगे
मामाजी को गुस्सा आ गया और उन्होने एक को ‪#‎ ब्राह्मणी_नदी‬मेँ डुबा देने कि कोशिश कि पर उनके चेलोँ ने बचालिया !
अकल ठिकाने आ गया होगा
मामाजी इतने मेँ रुक जाते तो ठिक था पर उन्होने तो फ्री मेँ एक और पंगा ले लिया
अब उनका नशा उतरगया था वो स्नान के बाद फिर भट्टी कि और चलदिये
अब वहाँ किसी दलित वर्ग नेँ उसे चिढ़ाया
फिर क्या था उन्होने उनसब पर अपशब्द कि वारिस करदिया
अब देखिये कुत्तोँ के झुँड होता है ! आ गये हमरे मामा को काटनेऔर हमारे मामा 56 इंच के छाती के साथ आखरी दमतक लढ़ते रहे
आपको बता देँ कि बग्गा मामा वही है जिन्होने कुछदिन पहले हमारे पंचायत के सरपंच को चैलंच दिया था और गाँव के लिये उन्हे केजरीवाल कि तरह जैल जाना पड़ा था !
लोग अकसर उन्हे केजरीवालजी जैसा बदनाम करते पर गाँववालोँ को पता है वो कितने ईमानदार है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें