आज बातों ही बातों मे हमारे साइन्स टिचर याद आ गये....
एकबार एग्जाम् के समय मैं घरमें किसी कारण सबसे झगडा करके बिना खाए ही टेस्ट एग्जाम् देने स्कुल आ गया था .....
ये बात पतानहीं कैसे हमरे साइन्स टिचर प्रमोद मिश्रा जी को पता चलगया था ।
उस दिन मेरा फेवरिट् सबजेक्ट हिस्टरी का पेपर था ...
मैं अपना पेपर देकर लौटरहा था कि आठवीं कक्षा में पढारहे प्रमोद सरने मुझे उधरसे जा रहे देखा ओर पास बुलालिया ।
अब वो फैमस् है अपने 2हातवाले थप्पडों के लिये....
मैं डरता हुआ उनके पास गया इस आशंका से कि आज तो गया कामसे....
मगर प्रमोद सर् तो मस्तिष्क,क्रोध और उससे शरीर में उत्पन होनेवाली कैमिकलस् के बारे में बताने लगे....
उन्होने जो कहा था दूर्भाग्यवश मैने वह सब कहीं लिखके नहीं रखपाया हुँ लेकिन क्रोध भी कितना घातक हो सकता है.....यह बात मनमें बैठगया है ।
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