रविवार, 10 जनवरी 2016

तु मेरी मानसपुत्री

खुरदुरे स्वर्श तेरे स्नेह के
तन मन कर ले भावमय
कविता तु मेरी मानस पुत्री

तेरी हत्या से
बनी जो शायरी
वो भी मेरी मानस पुत्री

दुनिया कि बाजार मे
बिकने के लिये
बनठनकर निकली जो गीत
हाँ वो भी मेरी मानस पुत्री

तु बदल ले जितना रुप
तेरी अछाई जो था वही रही
हाँ तु ही मेरी मानस पुत्री

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