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सोमवार, 21 दिसंबर 2015
वेचारा राजु प्रधान
हाईस्कुल मे पढ़ते समय कभी कभी हेँडल से दोनो हाथ छोड़ कर साइकेल चला लेते थे
9वीँ कक्षा मे पढ़ते समय एक दिन स्कुल छुट्टि पर हम अपने साइकेल के साथ लौट रहे थे
अपने क्लास का स्टाइलिस वॉय
राजेश उर्फ राजु प्रधान
इसी अदांज मे साइकेल चलाते हुए हमशे आगे निकल गया !
मुझसे यही कोई 100 गज के दूरी पर श्रद्धाजंलि महारणा क्लास कि पढ़ाकु व्युटिक्विन् साईकेल से जा रही थी
युँ तो राजु रोज़ उसे यही लाइन मारता था
लेकिन उसदिन उसकि किस्मत खराब था या कुछ ओर वेचारा रोड़ के नीचेवाले गड़्ढ़े मे जा गिरा
जब हमने कहा कि हाथ छोड़ कर साइकेल चलाने का खामियाज़ा मिला है
तब राजु अपना बचाव करते हुए अपने खास अंदाज से कहता है
नहीँ यार ऐसे हजारोँ लाखोँ वार साइकेल चलाया हुँ
लेकिन उसदिन कमिनी ने आँख मारदिया था .....
हाय उसने जैसे ही आँख मारी
मेरे दिल का ब्रेक फैल हो गया
[extrashot:-Cycle को ओड़िआ मे # शूनगाड़िकहते है]
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