रविवार, 1 सितंबर 2013

आज

आज झोली खाली है,
भर जाय तो बता दुँगा......
लुट मचाने आ जाना...... ।

आज गरीब हुँ ,
जिदेंगी नेँ दिआ नहीँ लिया हे
जब देने लगे तुम आ जाना..... ।

आज कलम खामोश है,
तेरे लिये कोई कॅमेँट नहीँ,
लाइक से काम चला लेना ।


आज कोई संग नहीँ, कल कितने साथी मिलजायेगेँ, तुम फिकर न करना ।

आज मेँ भी हुँ तुम भी हो,
पर मिलना अब मुमकिन नहीँ,
तब कोशिश काहे करना ।

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