रविवार, 1 सितंबर 2013

ये मेरी जिंदेगी...


यह मेरी जिँदेगी बरवाद हो गयी
तेरी प्यार मेँ जानेजाँ मेरी.......

अब ना हे मन मेँ गम
और ना ही हे खुशी....

.एक छाया हर जगह अजीव सी खामोशी.....(1)

यह मेरी जिँदेगी बरवाद हो गयी तेरी प्यार मेँ जाने जाँ मेरी.....

ये दिल का राजदाँ करुँ किससे मेँ बयाँ ? कोई सुनता ही नहीँ दर्द ए दास्ताँ मेरी....

.(2)

यह मेरी जिंदेगी बरवाद हो गयी तेरी प्यार मेँ जाने जाँ मेरी.....

क्या खोया क्या पाया हे क्युँ हिसाव मेँ करुँ तेरे प्यार के खातिर जान मेँ वार दुँ.......(3)

ये मेरी जिँदेगी बरवाद हो गयी तेरी प्यार मेँ जाने जाँ मेरी......

बस इतना सा ही हे फलसफा मेरी तेरे लिये जींदेगी कुरबान हो गयी

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