शनिवार, 21 अक्टूबर 2017

एक दीप नें कहा.....

युं तो दीपावली का त्यौहार चलागया
ओर फिर अगले साल आएगा
लेकिन
बुझाया हुआ एक दीप कहरहा है
कि

“तेरे धुएँ और शोर से घुटघुट कर
मरगयी गालिब !!!!
लोग भूले नहीं मुझे मेरे बदले
मोमवत्ती जलाते है !!”
सारे दुनिया को रौशन करुं
ये ख्वाब था मेरा
और तु मुझे छोड़ अब बम्
फोडता मिलता है .....
मैने सोचा था खुद जलजाऊँ
दुनिया को रौशनी देकर
तुने जलाना ही छोडकर मुझे
बस बमें फोडता हैं.....”

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